Tuesday, 14 December 2021

एक रात रब ने मेरे दिल से पूछा, तू दोस्ती में इतना क्यूँ खोया है? दिल बोला दोस्तों ने ही दी है सारी खुशियाँ, वरना प्यार करके तो दिल हमेशा रोया है।



दिये तो आँधी में भी जला करते है,

गुलाब तो काँटो में भी खिला करते है,
खुशनसीब बहुत होती है वो शाम,
दोस्त आप जैसे जब मिला करते है।

मुझे रहने दे ऐ दोस्त पास अपने,
नजरों से यूँ अपनी तू दूर ना कर,
बस एक जिंदगी ही बाकि है मेरे पास,
इसको भी जुदा करने को मजबूर ना कर।

एक रात रब ने मेरे दिल से पूछा,
तू दोस्ती में इतना क्यूँ खोया है?
दिल बोला दोस्तों ने ही दी है सारी खुशियाँ,
वरना प्यार करके तो दिल हमेशा रोया है।


ज़िंदगी के तूफानों का साहिल है दोस्ती,
दिल के अरमानों की मंज़िल है दोस्ती,
ज़िंदगी भी बन जाएगी अपनी तो जन्नत,
अगर मौत आने तक साथ दे दोस्ती।


एहसास बहुत होगा जब छोड़ के जाएंगे,
रोयेंगे बहुत मगर आँसू नहीं आएँगे,
जब साथ कोई ना दे तो आवाज़ हमें देना,
आसमान पर होंगे तो भी लौट के आएंगे।


दोस्ती का हर कर्ज़ अदा कौन करेगा,
जब हम नहीं रहेंगे तो दोस्ती कौन करेगा,
ऐ खुदा मेरे दोस्त को सदा सलामत रखना,
वरना मेरे जीने की दुआ कौन करेगा।


होंठों पे उल्फत के फ़साने नहीं आते,
जो बीत गए फिर वो ज़माने नहीं आते,
दोस्त ही होते हैं दोस्तों के हमदर्द,
कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते।





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