तू दूर है मुझसे और पास भी है,मुझे तेरी कमी का एहसास भी है,
दोस्त तो हमारे लाखों हैं इस जहाँ में,
पर तू प्यारा भी है और खास भी है।
आसमान से तोड़ कर सितारा दिया है,
आलम-ए-तन्हाई में एक शरारा दिया है,
मेरी किस्मत भी नाज़ करती है मुझपे,
खुदा ने दोस्त ही इतना प्यारा दिया है।
जो दिल के हो करीब उसे रुसवा नहीं करते,
यूँ अपनी दोस्ती का तमाशा नहीं करते,
खामोश रहोगे तो घुटन और बढ़ेगी,
अपनों से कोई बात छुपाया
नब्ज मेरी देख कर बीमार लिख दिया,
रोग मेरा उसने दोस्तों का प्यार लिख दिया,
कर्ज़दार रहेंगे उम्र-भर उस हक़ीम के,
जिसने दवा में दोस्तों का साथ लिख दिया।
शायद फिर से वो तक़दीर मिल जाए,
जीवन के वो हसीन पल मिल जाए,
चल फिर से बैठे क्लास की लास्ट बैंच पर,
शायद वापस वो पुराने दोस्त मिल जाए।
नाजुक सा दिल कभी भूल से ना टूटे,
छोटी छोटी बातों से आप ना रूठे,
थोड़ी सी भी फ़िक्र है अगर आपको हमारी,
तो कोशिश करना की ये दोस्ती कभी ना टूटे।
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