Wednesday 15 December 2021

“किस हद तक जाना है ये कौन जानता है, किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है, दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो, किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है”



जो तू चाहे वो तेरा हो,रोशन रातें और खूबसूरत सवेरा हो,
जारी रहें हमारी दोस्ती का सिलसिला,
कामयाब हर मंजिल पर दोस्त मेरा हो|”


“आसमान से तोड़ कर ‘तारा’ दिया है|
आलम ए तन्हाई में एक शरारा दिया है|
मेरी ‘किस्मत’ भी ‘नाज़’ करती है मुझे पे
खुदा ने ‘दोस्त’ ही इतना प्यारा दिया है…




“आपकी दोस्ती की एक नज़र चाहिए,
दिल है बेघर उसे एक घर चाहिए,
बस यूँही साथ चलते रहो ऐ दोस्त,
यह दोस्ती हमें उम्र भर चाहिए..”

“किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है”




“अच्छा दोस्त तकिये के जैसा होता है,
मुश्किल में सीने से लगा सकते हैं,
दुःख में उसपे रो सकते हैं,
खुशी में गले लगा सकते हैं और
गुस्से में लात भी मार सकते हैं.”









No comments:

Post a Comment