और उससे निभाने के लिए कोई रूल नहीं होता
समय बदलता है और साथ साथ हालात भी बदलतें है
लेकिन एक सच्ची दोस्ती कभी नहीं बदलती
पास रहना जरूरी नहीं मेरी इस दोस्ती में
तुम दूर रहकर भी निभा जायो
इससे बड़ा कोई तोहफा नहीं मेरे लिए
दोस्ती का कोई मोल नहीं होता
इस लिए तोह पेड़ कभी अपनी छाव नहीं बेचता
लोग प्यार करते है और में दोस्ती करता हूँ
लोग प्यार निभाते है में मेरी दोस्ती निभाता हूँ
क्या यादगार समय था वह
जब हाथ पकड़कर दोस्ती हो जाया करती थी।
सवाल फूलो का नही उनकी खुशबू का है
सवाल पेड़ो का नहीं उनकी हरयाली का है
दोस्त तोह बहुत है इस दुनिया में
लेकिन सवाल दोस्ती का नही उस विशवास का है
जब दोस्त जीवन में सफल हो तो — ज़ोर से कह देना की वो मेरा दोस्त है
और जब वो दोस्त मुसीबत मे हो तो — हक़ से कह देना की मे उसका दोस्त हु
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