किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है.!
मजिलों से अपनी डर ना जाना
रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना
जब भी जरुरत हो जिंदगी में किसी अपने की
हम आपके अपने है ये भूल ना जाना.!
तेरी मुस्कुराहट मेरी पहचान है,
तेरी खुशी मेरी ही जान है,
कुछ भी नहीं मेरी ज़िन्दगी में
बस इतना समझ ले की
तेरा दोस्त होना मेरी शान है.
मांगी थी दुवा हमने रब से,
देना मुझे दोस्त जो अलग हो सबसे,
उसने मिला दिया हमे आपसे और काहा
संभालो इन्हें ये अनमोल है सबसे.
शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये
जीवन के वो हसीं पल मिल जाये
चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे
शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ।
किसी रोज़ याद न कर पाऊं तो खुदगर्ज़ न समझ लेना दोस्तों,
दरसल छोटी सी इस उम्र में परेशानिया बहुत हैं,
मैं भूला नहीं हूँ किसी को मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं ज़माने में,
बस थोड़ी ज़िन्दगी उलझ पड़ी है दो वक़्त की रोटी कमाने में |
तेरी दोस्ती की आदत सी पड़ गई है मुझे,
कुछ देर तेरे साथ चलना बाकि है,
समशान में जलता छोड़कर मत जाना,
वरना रूह कहेगी की रुक जा,
अभी तेरे यार का दिल जलना बाकी है.
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